Menu
blogid : 4181 postid : 119

ये कैसा चाहतों का सिलसिला है ……..”valentine contest”

अंधेरगर्दी
अंधेरगर्दी
  • 26 Posts
  • 322 Comments

valentine डे के अवसर पर मै कुछ विचार पेश करता हु ……….
ये कैसा चाहतों का सिलसिला है ,
न तुमसे शिकायत न खुद से गिला है .
ज़िन्दगी किस मोड़ पर ले आई है मुझे ,
न तुमको पाने की हिम्मत है और ,
न ही तुमको खोने का हौसला है .
मुझे तडपाने की अजीब तुम्हारी अदा है ,
शायद तुझे न पाने की ये सजा है .
केसे खो दूं एक पल में मैं तुझे ,
बड़ी मुद्दत से तू मुझे मिला है .
अब तो जीना भी मुश्किल हो गया तेरे बिन ,
महफ़िल भी तनहा हो गयी तेरे बिन .
ज़िन्दगी किस मोड़ पर ले आई है मुझे ,
न तुमको पाने की हिम्मत है और ,
न ही तुमको खोने का हौसला है .

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh