कल रात मैंने यहाँ मनोज गौतम जी का एक लेख पढ़ा “सनातन धर्म पर प्रहार” . तो मुझे भी अपने ईमेल पर आये एक लेख को बाँटने की जिज्ञासा हुई. मनोज जी ने लिखा है लोग बिना सोचे समझे कृष पर १६००० शादिया करने पर ऊँगली उठाते है. ऐसा ही एक दिलचस्प मामला कनाडा की एक अदालत में आया.
हुआ यो की ISKON के बढ़ते प्रभाव से जल भुन कर एक नन ने वहा की अदालत में एक मुकदमा दर्ज कराया . आरोप था की ISKON एक ऐसे धर्म का प्रचार कर रहा जिसका भगवन एक चरित्रहीन है, जिसने १६००० शादिया की थी. ISKON ने मुकदमा सलटाने की कोशिश की पर वो तैयार नहीं हुए.
मुकदमा शुरू हुआ. बचाव पक्ष के वकील ने वादी को बुलाया . उसने वादी नन से कहा की नन बनते समय जो शपथ ली थी उसे अदालत में दुहराये . उसने आनाकानी की तब वकील ने उसे खुद पढ़ कर सुनाया . उसका सर यह था के ये नन अपना जीवन इश्वर को समर्पित करते हैं और इशु से ही विवाह करते हैं. अब वकील ने अदालत से दरखास्त की अगर कृष्ण चरित्रहीन हैं तो इशु क्या है और इन लाखो करोडो ननों का क्या है . बस अदालत ने मुक़दमे को खारिज कर दिया .
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